हिंदी फिल्मी गीत सरगम Volume 1 &2 (Pages 405)
Brand Name: Ideaz Overseas
MRP: 650
Price: 520
Description: 1) जीना जीना
2) तुझे देखा तो ये जाना सनम
3) बातें ये कभी ना
4) चाहूँ मैं या ना
5) रंग दे तू मोहे गेरुआ
6) हसी मैं जान ये वार दूँ, (फीमेल)
7) जग घुमिया
8) जनम जनम साथ चलना
9) गलियां तेरी, गलियां
10) तुम ही हो
11) तुमसे ही दिन होता है
12) सनम रे सनम रे
13) सोच ना सके
14) कभी जो बादल बरसे
15) खामोशियाँ
16) मुस्कुराने की वजह तुम हो
17) मैं रंग शर्बतों का
18) मैं तेनु समझा वांकी(अरिजीत).
19) मैं तेनु समझा वांकी(आलिया)
Old Songs Vol 2
20) मेरा जूता है जापानी
21) किसीकी मुस्कुराहटों
22) जीना यहाँ, मरना यहाँ
23) मेरे सपनों की रानी
24) हिरो धुन
25) कर्ज धुन
26) नागिन धुन 1
27) नागिन धुन 2
28) नागिन धुन 3
29) होठों से छू लो तुम
30) गुलाबी आँखें
31) है अपना दिल तो आवारा
32) ओ मेरे दिल के चैन
33) जन गण मन
34) वन्दे मातरम्...
35) ओ साथी रे
36) पल पल दिल के पास
37) पापा कहते हैं
38) प्यार हुआ इक़रार हुआ
39) बहारों फूल बरसाओ
40) प्यार दीवाना होता है
41) रिम झिम गिरे सावन
42) छुकर मेरे मन को
43) चुरा लिया है
44) दिल के झरोखे में
45) एक हसीना थी
46) यम्मा यम्मा,
47) ये शाम मस्तानी
48) जिंदगी एक सफर
49) सुहाना सफ़र
नमस्कार दोस्तो,
मै, एक 'मानस शास्त्र' विषय तज्ज्ञ हूँ, जिसने म्युजिक सीखने के सरल तरीकोंको ढूँढा है. ‘म्युजिक थेरपी’ का प्रयोग पेशंट्स पर करते करते कुछ जबरदस्त नुस्खे मेरे हाथ लगे। सोचा चलो आपसे शेयर करू।
जिन्हे 'की बोर्ड, पियानो, गिटार' सीखना है, ऐसे सभी लोग मेरे दिये गये तरिकोंको कृपया अपनाये.
जी हाँ एक घण्टे मे आप 'कीबोर्ड, पियानो, गिटार' पे गाना बजाना सीख जायेंगे. अगर आपका कोमन सेंस अच्छा है तो केवल दस मिनट में ही आप गाना बजाना सिखेंगे.. जी हाँ।
म्युजिक सिखानेवाले लोग (जिन्हे मैं जान बूझकर गुरू नहीं कह रहा हूँ..) जानते ही नहीं कि म्युजिक सरल रीती से कैसे सीखा जाता है।
हिंदी गाने सीखने के लिये वेस्टर्न नोटेशंस के इस्तेमाल से नये सीखनेवाले कलाकार कनफ्यूज हो जाते है।
हम पाश्चिमात्य स्टाईल ना सीखते हुये, इण्डियन स्टाईल से 'सरगम' सीखेंगे. जो इस विषय को सीखने का सबसे तेज तरिका है.
प्रथमत: जान लिजीए 'सरगम' क्या होती है?
जैसे कोम्प्युटर कि अपनी 'लेग्वेज' होती है वैसे हर साज (म्युजिक इंस्ट्रुमेंट) कि अपनी 'लेंग्वेज' होती है. जैसे कि,
'छुकर मेरे मनको किया तूने क्या इशारा..' ये हुए गाने के बोल.. तो कोई इसे ऐसा गुनगुनायेगा,...
ना ना नाना नानाना नाना नाना ना ना नाना...
"गग रेसा नि*नि*रे,प*ध*नि*नि*सारेगसा"
तो 'सा रे ग म प ध नि सा' इन सुरोंको प्रमाण मानकर जब आप कोई भी साज बजाते है तो गाने कि धुन पर आपके मन मे बोल आकार लेने लगते है.
'छुकर मेरे मनको किया तूने क्या इशारा..
किसी भी गीत के दो हिस्से होते है, पहला होता है, मुखडा यानि 'हेड' जो कि दो लाईन का होता है. और दूसरा होता है अंतरा यानि के 'बॉडी'. किसी भी गीत में दो या तीन स्टंझा होते है. तो टेंशन मत लिजिये.
कोई भी साज एक ही स्टांझा बजाता है. उसे बाद मे हम रिपिट करते रहते है.
उदा. "पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा" इस गाने कि सरगम को आपने देखा तो
"धध पम प सारे म निधप"
इतना ही तयार किजीए और उसे दो बार बजाईये तो, अपने आप
"पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा बेटा हमारा ऐसा काम करेगा" बजेगा.
सासासा-सारेसा- सासासा-सारेसा- मम गरे रे गरे ग म
इतना दो बार बजाईये तो दो लाईने तैयार.
"बैठे हैं मिल के, सब यार अपने सबके दिलों में, अरमां ये है,
वो ज़िन्दगी में, कल क्या बनेगा हर इक नजर का, सपना ये है.. "
अब जानिये, कि गीत बजाने से पहले आपको क्या करना है? गीत को प्रथमत: कम से कम बीस या तीस बार लगातार सुनिये, जब तक ते गीत की धुन आपके दिल मे ना उतर जाय|
पहले जमाने में गीत मीटर में होते थे। उनका संगीत राग के उपर आधारित होता था। लेकिन उससे भी ज्यादा वो विविध भारती पर बजते थे।(आज भी बजते हैं।) लेकिन उस जमाने में एंटरटेन्मेंट के साधन ज्यादा नहीं थे इसलिये कुछ गाने जनमानस पर केवल प्रिंट नहीं हुये तो वो पत्थर के मूर्ती के जैसे अंकित हुये हैं।
फिर भी हर दौर मे कुछ गाने बेहद खूबसूरत होते हैं। “टुणटुण” उर्फ उमादेवी का अति मधुर एक (ही) गाना ‘इब क्या होगा’ जैसे अनेक गायीकाओंके गानों में भी अपनी शान दिखाता रहा, बस उसी के जैसा मुझे आलिया भट्ट का ‘मैं तेनु समजा वांकि’ लगा। मतलब कुछ नये गाने भी अच्छे होते हैं। ठीक है।
दूसरा, अपने की बोर्ड के हर एक की पर सा, रे, ग, म... लिखना है.
सफेद पट्टी पर लिखना आसान है. लेकिन ब्लेक पट्टी पर छोटे छोटे कगज के टुकडे चिपकाईये. उसके उपर सीडी पर लिखनेवाला पोईंट 5 के मार्कर पेन से सा,रे,ग,म लिखिये.
इनके सुर कैसे होते है ध्यान दिजिये..
(नीचे दिये गये चित्र को देखिये) किसी भी की बोर्ड के करीब करीब मध्य मे जो दो काली पट्टी होती है वहा से ..."सा" शुरू किजीए.
उसकी तुरंत बाजू मे राईट साईड मे सफेद पट्टी है वो है "रे" यहाँ रे के निचे एक लाईन है इसे ध्यान मे लिजीए.
उसके बाद राईट साईड मे ही काली पट्टी है वो है "रे" उसके बाद राईट साईड मे सफेद पट्टी "ग" उसके बाद की सफेद पट्टी "ग". फिर काली पट्टी "म" फिर सफेद पट्टी "मे" फिर काली पट्टी "प" फिर सफेद पट्टी "ध" फिर काली पट्टी "ध" फिर सफेद दो पट्टीया "नि" "नि" फिर काली "सां" उसके बाद इसी क्रम से की बोर्ड के अंत तक सा रे ग म रिपीट होंगे.
लेकिन इस बार उनके उपर अनुस्वार (पोइंट) है,तो ये बन जाते है, सां, रें, रें, गं, गं, मं, में, पं, धं, धं, निं, निं
अब हमने जहासे सा रे ग म शुरु किया था उसके लेफ्ट साईड मे आयेंगे लेफ्ट को सफेद पट्टी "नि" के निचे "." आयेगा.
टाईप करते वक्त हमें उस प्रकार का फ़ोण्ट नही मिला तो हम थोडी सी आजादी लेते हुये उसे ऐसे लिखेंगे "*नि"
जहाँ जहाँ पर * चिन्ह आयेगा तो समझ लिजीये उस स्वर के निचे पॉईंट है.
फिर उसके लेफ्ट मे सफेद पट्टी है, वो"*नि" है. उसके लेफ्ट मे काली "*ध" फिर लेफ्ट मे सफेद "*ध" फिर काली पट्टी "*प" फिर लेफ्ट मे सफेड "*मे" फिर काली "*म" फिर लेफ़्ट मे सफेद "*ग" "*ग" फिर काली "*रे"सफेद "*रे" अंतिमत: काली पट्टी "*सा" उसके पीछे के सुर हिंदी गाने मे नही लगते.
अब प्रेक्टिस शुरू किजिये. डायरेक्ट सा, रे, ग, म, प, ध, नि, सा और उल्टा सा, नि, ध, प, म, ग, रे, सा बजाईये
ऐसा पंधरा मिनिट किजिये. फिर सरगम को सामने रखकर बजाना शुरू किजिए. शुरुआती दौर मे ये गाने को 'गद्य' मे पढने जैसा बेसुरा होगा. लेकिन जल्द ही कौनसी ‘की’ कितनी ज्यादा या कम बजायेंगे इसका ग्यान अपने आप आ जाता है.
की बोर्ड इसीलिये सुंदर साज है क्योंकि यह कम्प्युटर बेस्ड है। फिरभी हर एक नौ जवान का ‘गिटार’ बजाना यह एक सपना होता है।
क्योंकि फिल्मोमे गिटार बजानेवाला हीरो होता है जिसके आजू बाजू लडकिया मंडराती रहती है।
बिलकुल ‘बिस्वजीत’, जो सफेद पेण्ट पहनकर हनुमानजी की गदा जैसा गिटार कंधे पर घुमाता था, तब से लेकर आशिकी टू के आदित्य रोय कपूर तक। इसीलिये लडकियोंको आकर्षित करने के लिये लडके गिटार सीखते है।
गिटार पीठ पर लादकर मोटरसाईकल पर जानेवाला कोई नौजवान आपने जरूर देखा होगा। उसके चेहरे के हाव भाव देखिये। शाहंशाह के साथ लडाई में फतेह कर लौटनेवाले के स्टाईल मे वो घूमता है। उन जांबाज सिपाहियोंकी तरफ जिस प्यार और कौतुहल से लडकियाँ देखती थी वो कौतुहल आज के मोडर्न जमानेमे भी उसी प्रकार का है। सिर्फ ढाल तलवार की जगह पीठ पर गिटार होता है।
कुछ नौजवान गिटार सिपाहियोंके उंगलियों में तार जख्म करती है। इसीलिये फिर वो सीखना छोड देते है। लेकिन असल राज ये होता है, कि वो गाना बजाना सीखा ही नही।
उसका कारण सरगम है।
जिस बंदे ने गिटार की नोट्स विश्व में पहली बार बनाई वो बेचारा लेफ्टी था। इसलिये उसने पेटर्न उल्टा लिखा। और दायें हाथ से बजाने वाले उसी को फोलो करते हुये कनफ्यूज होते रहते है।
इसीलिये उसको हमने सीधा करके लिया है।
एक ही समय पर हमारा दिमाग दो हाथोसे अलग अलग चीजे नही कर सकता। परंतु जो कोई साईकल चला सकता है, वो गिटार भी बजा सकता है। उचित प्रेक्टीस के बाद। जरुरत से ज्यादा उंगलियोंको तार पर मत दबाईये। उससे उंगलिया कट जाती है।
अपना इंस्ट्रुमेंट दूसरे को मत दीजिये इंफेक्शन हो जायेगा। सावधांन। शुरु किजिये पुराने जमाने के कर्ज की धुन से..बडा मजा आयेगा...
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